1. 17 जून 2003 को एक बहादुर सैनिक मेजर आईएस बब्बर ने असम में आतंकवादियों से लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी। श्री पदम सिंह चौधरी द्वारा सैनिक कॉलोनी, जम्मू में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। वीर सैनिक के प्रति समाज का आभार व्यक्त करने के लिए। इस कार्यक्रम में नागरिकों, सैनिकों और मेजर आईएस बब्बर के परिवार के सदस्यों ने गर्व के साथ भाग लिया।
2. कीर्ति चक्र से अलंकृत मेजर आईएस बब्बर की वीरता और शानदार नेतृत्व क्षमता की गाथा को गर्व से याद किया गया। इस बहादुर सैनिक की माता श्रीमती हरबंस कौर बब्बर ने सम्मान के रूप में मेजर आईएस बब्बर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। उनके साथ उनका छोटा बेटा भी था।एनसीसीएचडब्ल्यूओ के प्रतिनिधियों के रूप में ब्रिगेडियर हरचरण सिंह और श्रीमती गुरविंदर कौर ने पुष्पांजलि अर्पित की। इस पवित्र अवसर पर कई गैर सरकारी संगठनों के सदस्य भी उपस्थित थे।
3. ब्रिगेडियर हरचरण सिंह ने सभा को संबोधित करते हुए इस बात पर बल दिया कि देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले सैनिकों के परिवार की देखभाल करना समाज का कर्तव्य है। श्री पदम सिंह चौधरी के निस्वार्थ प्रयासों की सराहना करते हुए, उन्होंने दर्शकों को आश्वासन दिया कि युवा पीढ़ी को प्रेरित करने के लिए, ऐसे कार्यक्रमों में छात्रों की भागीदारी के लिए स्थानीय स्कूलों से संपर्क किया जाएगा। वोट ऑफ थैंक्स वार्ड 70 के कॉरपोरेटर श्री नरेंद्र सिंह जम्वाल ने दिया।