1. 1999 में, भारतीय सशस्त्र बलों ने भारत के कारगिल क्षेत्र में पाकिस्तानी सेना द्वारा की गई विश्वासघाती घुसपैठ का करारा जवाब दिया। 26 जुलाई 1999 तक पाक सेना की घुसपैठ तो हटा ली गई, लेकिन इसमें हमें 527 जवानों की कीमती जान गंवानी पड़ी, जबकि 1363 घायल हुए। मेजर अजय सिंह जसरोटिया - एसएम, ने कारगिल संघर्ष के दौरान मातृभूमि की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया, सैनिक कॉलोनी जम्मू के श्री पदम सिंह चौधरी, बहादुर सैनिक को श्रद्धांजलि देने के लिए हर साल मेजर अजय सिंह जसरोटिया मेमोरियल, सैनिक कॉलोनी, जम्मू में एक कार्यक्रम आयोजित करते आये है ! उन्होंने ब्रिगेडियर हरचरण सिंह, ट्रस्टी और राष्ट्रीय प्रशासक और श्रीमती परमजीत कौर, अध्यक्ष, महिला अधिकारिता प्रकोष्ठ, एन.सी.सी.एच.डब्ल्यू.ओ. को सैनिक कॉलोनी में समारोह में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया।
2. सेना के प्रतिनिधियों, वीर माता वीणा जसरोटिया और सैनिक कॉलोनी की एक अन्य वीर माता श्रीमती हरबंस कौर बब्बर ने पुष्पांजलि अर्पित की ! इसके आलावा नागरिकों ने भी पुष्पांजलि अर्पित की और बहादुर की वीरता और बलिदान की गाथा को भी याद किया।
3. ब्रिगेडियर हरचरण सिंह ने सभा को संबोधित किया और स्थानीय निवासियों द्वारा की गई पहल की सराहना की। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे कार्यों के लिए स्थानीय कॉर्पोरेटर और अन्य सरकारी अधिकारियों की उपस्थिति अनिवार्य होनी चाहिए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि इस तरह के कार्यक्रमों के दौरान देशभक्ति विषयों पर आधारित पेंटिंग और आसान लेखन प्रतियोगिताओं का आयोजन करके छात्रों की भागीदारी की योजना बनाई जानी चाहिए। हमारे सैनिकों की वीरता और बलिदान की कहानियों को स्कूल की पाठ्य पुस्तकों में शामिल किया जाना चाहिए, ताकि राष्ट्र को हमारे विरोधियों के नापाक मंसूबों और हमारे सैनिकों द्वारा राष्ट्र की संप्रभुता और सीमाओं की रक्षा के लिए किए गए निस्वार्थ बलिदानों की याद दिलाई जा सके।
राष्ट्रीय मुख्य सचिव रंजीत वर्मा, चेयरमैन दीपक शर्मा, अध्यक्षा ने ब्रिगेडियर हरचरण सिंह जी की सराहना की, और कहा कि ऐसी देश भक्ति और जन कल्याण की भावना बहुत कम देखने को मिलती है, बाकि संगठनो को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिये, यह भी कहा कि ब्रिगेडियर साहब हमारे संगठन की आत्मा है और हमें उन पर गर्व है।।