तित्यारी गांव के राजकीय विद्यालय में मां सरस्वती की पूजा करके और शहीद विजेंद्र सिंह को माला पहनकर कार्यक्रम की शुरुआत की गई।
मजदूर अपनी रोजी-रोटी के लिए हमेशा काम में व्यस्त रहते हैं। अपने स्वास्थ्य के बारे में उन्हें खास जानकारी नहीं होती है, तो जिन लोगों को विषम परिस्थिति में काम करना पड़ता है, ऐसे में अगर कोई आपातकालीन स्थिति पैदा हो गई तो उस वक्त उस व्यक्ति की जान कैसे बचाई जाती है इसके लिए सीपीआर ट्रेंनिंग कार्यशाला का आयोजन डॉ मंजू राठी ,राठी हॉस्पिटल किशनगढ़ से सखी सहेली संस्था की संस्थापक और राष्ट्रीय भ्रष्टाचार नियंत्रण और जनकल्याण संगठन की तरफ से यह कार्यशाला आयोजित की गई जिसमें डॉक्टर मंजू राठी ने मनरेगा मजदूरों को आने वाली समस्याओं के बारे में खुलकर चर्चा की। उनको अपने स्वास्थ्य के बारे में कैसे ध्यान रखा जाए और खास तौर पर महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के बारे में कैसे जागरूक होना चाहिए इसके बारे में संपूर्ण जानकारी थी तथा कभी आपात स्थिति में अगर किसी की जान को खतरा हो जाए या कोई एक्सीडेंट हो जाए तो उस वक्त उस व्यक्ति की जान बचाने के लिए सीपीआर तकनीक का किस स्थिति में और किस तरह प्रयोग किया जाता है इसके बारे में जानकारी दी।
तथा जाखड सीनियर सेकेंडरी स्कूल तित्यारी में जिसमें बच्चों की संख्या तकरीबन 1100 है और साथ में शाला स्टाफ को और वहां पर उपस्थित महानुभावों को सीपीआर के बारे में संपूर्ण जानकारी दी ।
बच्चे देश का भविष्य है अगर उनको यह तकनीक पता रहेगी तो वे भविष्य में इस तकनीक का उपयोग करके कितने लोगों की जान बचा सकते हैं ।तथा एक्सीडेंट में हम अभी भी इस अवधारणा में है कि अगर हमने उस व्यक्ति की मदद कर दी तो हमें पुलिस परेशान करेगी तो डॉक्टर मंजू राठी ने इस तर्क को खारिज किया और सरकार इसके लिए प्रोत्साहित करती है और जो मरीज को या उस एक्सीडेंट वाले व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाता है उनको प्रोत्साहन देती है । उनको पुलिस परेशान करने वाली गलतफहमी को दूर किया। हर जगह पर समाज में बच्चों को, बड़ों को, सबको जागरूक रहना चाहिए और जागरूक रहते हुए हम हार्ट अटैक, एक्सीडेंट, इलेक्ट्रिक करंट, पानी में डूबने से, दम घुटने से, आग लगने से और विषैला जानवर काटने से अगर कोई आपातस्थिति पैदा होती है तो हम उस व्यक्ति की जान कैसे बचा सकते हैं इसके बारे में डॉक्टर मंजू राठी ने डमी पर सीपीआर की ट्रेनिंग दी और कई बच्चों को हैन्ड ऑन ट्रेनिंग देकर सीपीआर देते वक्त करने वाली गलतियों के बारे में अवगत कराया। डॉक्टर मंजू राठी का सतत प्रयास यही रहता है कि वह जनता को जागरूक करती रहे और उसके साथ में श्रीमती हेमलता जी गर्ग ने बड़े ही उत्साह के साथ इस कार्यशाला में सहयोग किया। डॉ मंजू राठी ने यह बीड़ा उठाया है और पूरे देश में वह जागरूकता फैलाने का प्रयास कर रही है और करती रहेगी।