नेशनल करप्शन कंट्रोल एंड ह्यूमन वेलफेयर आर्गेनाइजेशन एवं सखी सहेली संस्था की तरफ से आज श्री सागर जैन पब्लिक स्कूल किशनगढ़ शहर में NCCHWO की प्रदेश अध्यक्ष (मेडिकल सेल), डॉ मंजू राठी द्वारा सीपीआर ट्रेंनिंग और किशोरावस्था में होने वाले बदलाव, मेंस्ट्रूअल हाइजीन और सैनिटरी नैपकिंस का निस्तारण कैसे किया जाए, सरकार की उड़ान योजना क्या है, मेंटल हेल्थ, एनीमिया इत्यादि के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया गया । 2 घंटे की इस कार्यशाला में बबीता संचेती ने अपना सहयोग दिया।इस प्रोग्राम के तहत डॉ मंजू राठी ने बेसिक लाइफ सपोर्ट यानी कि सीपीआर ट्रेंनिंग में DRS-ABC का कैसे उपयोग किया जाता है और किस अवस्था में इस प्रणाली का उपयोग किया जाता है और इसे कैसे दिया जाता है इसकी विस्तृत जानकारी विद्यार्थियों को दी और टीचर्स को भी ट्रेन किया ताकि वे रेगुलर बेसिस पर स्कूल में बच्चों को सीपीआर सीखा सके। ताकि बच्चे फ्यूचर में इस तकनीक का जब जरूरत पड़े तब इस्तेमाल करके किसी की जान बचा सके।
डॉ मंजू राठी ने बच्चों के स्वास्थ्य के लिए हमेशा प्रयास किए हैं और इसी स्वास्थ्य की कड़ी में किशोरावस्था में होने वाले बदलाव ,बच्चों में आने वाला मेंटल स्ट्रेस, इस उम्र में बढ़ता आकर्षण और मेंस्ट्रूअल हाइजीन, सर्वाइकल कैंसर और उसके तक के बारे में जानकारी, ब्रेस्ट डेवलपमेंट ,मुहासे, लड़कों में होने वाले बदलाव इनके बारे में बच्चों को विस्तृत जानकारी दी।
खानपान और एक्सरसाइज का इंपॉर्टेंस जीवन में कितना है इसके बारे में बच्चों के साथ बातचीत की, उन्हें इसका महत्व समझाया और मोटापे से कैसे बचा जाए इसके बारे में चर्चा की। बच्चों की जिज्ञासाओं का समाधान किया और उनके सवालों के जवाब भी दिए ।बबीता संचेती ने बताया कि सखी सहेली संस्था हमेशा ऐसे उपक्रम करती आई है और आगे भी करती रहेगी। 2 घंटे के इस कार्यशाला में बच्चों ने बढ चढ़कर हिस्सा लिया और हैंड्स ओन ट्रेनिंग भी ली ताकि वे आपातकालीन स्थिति में किसी की जान बचा सके ।आजकल प्राकृतिक आपदा भी खूब चल रही है ऐसे में सीपीआर की कई जगह पर जरूरत पड़ती है और हमारी इस पीढ़ी को अगर सीपीआर आता है तो भविष्य में ये बच्चे किसी की जान बचाने में अपनी भूमिका अवश्य निभाएंगे।
डॉक्टर मंजू राठी ने कहा कि मेरा सपना है कि पूरे राजस्थान और देश में हर एक इंसान को सीपीआर सीखने में मदद करें और इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए वह सोशल मीडिया के मार्ग से भी यह उपक्रम चलाती है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक यह तकनीक पहुंचे और लोग उसके बारे में जागरूक हो।



