अंधेरों से कह दो, कहीं और डेरा लगाये, मेरे देश में रोशनी का सैलाब आया है : रणजीत वर्मा, राष्ट्रीय मुख्य सचिव
सबसे पहले मैं अपने देश वासियों एवं देश में फैले राष्ट्रीय भ्रष्टाचार नियंत्रण एवं जन कल्याण संगठन के पदाधिकारियों को दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।।
दिवाली मुख्य रूप उजालों का त्योहार है जिसे हर धर्म के से लोग बड़े उत्साह से मनाते हैं, क्योंकि दिवाली हम सबके लिए उत्साह और उमंग का त्योहार, इस त्योहार मनाने की तैयारियाँ कई दिनों पूर्व चालु हो जाता है जिसमें घरों की मरम्मत, कलर पिंट, साफ सफाई आदि कार्य किए जाते हैं
वैसे तो दिवाली हर साल आती है और लोगों को उत्साहित कर चली जाती है लेकिन इस दिवाली पर हमें कुछ नया करना है, मैंने पिछले वर्ष न्यूज़ में देखा था कि दिवाली सीजन में करोड़ों रुपये के पटाखें बिके थे जो हम सबके लिए खतरें की घंटी है, क्योंकि हर साल करोड़ों रुपये के पटाखें जलाने से प्रदूषण तेजी से फैल रहा है जो कि धीरे धीरे हमारे वातावरण को प्रदूषित कर रहा है, लेकिन हमे ऐसा नहीं करना है पटाखों का उपयोग जितना हो सकें उतना कम करना है, जितना पैसा हम पटाखों पर खर्च करते हैं, उतना उन लोगों पर करना चाहिए, जो असहाय है, जिनका कोई नहीं, जिन्हें एक वक्त की रोटी भी नसीब नहीं होती, इस बार ऐसा करके तो देखिये, देखना आपको कितना सकून मिलेगा।।
दीवाली के इस पावन मौके पर हम पुरे देश में फैले पदाधिकारी आओ मिलकर यह प्रण लें कि हम भी भगवान राम की तरह मर्यादा पुरुषोत्तम बनने की कोशिश करेंगे, हमेशा दिल से अपने माता पिता की आज्ञा का पालन करेंगें, अपने आस पास जो भी ग़लत हो रहा है, उसे देखकर चुप नहीं रहेंगे, अपने अंदर घमंड रुपी इस राक्षस को पनपने नहीं देंगें, सब एक होकर रहेंगे और समाज को एकता का संदेश देकर एक सूत्र में बांधने की चेष्टा करते रहेंगे और सब मिलकर सभी बुराईयों का अंत करने की तरफ अग्रसर रहेंगे एवं हम अपने समाज को और अपने देश को राम राज्य बनने का संकल्प लेंगे, इतनी जल्दी तो नहीं होगा, परंतु अगर हम सब एक होकर चेष्टा जारी रखेंगे तो यह जरूर होगा। क्योंकि मेहनत और निरंतर चेष्टा कभी निष्फल नहीं होती।।
अंत में मैं फिर से अपने देशवासियों एवं देश में अपने सभी पदाधिकारियों एवं उनके परिवार को दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं और भगवान से दुआ करता हूं कि सबके दिलों से अंधेरा सदा के लिये लुप्त हो जायें और सबका जीवन खुशहाल रहें।।