राष्ट्रीय भ्रष्टाचार नियंत्रण एवं जन कल्याण संगठन और सखी सहेली संस्था के संयुक्त तत्वाधान द्वारा एम एस एस पब्लिक स्कूल किशनगढ़ में सीपीआर ट्रेंनिंग कार्यशाला का आयोजन किया गया।
प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ के बाद कितने ही लोगों ने अपनी जान गंवा दी। उस वक्त आप सभी ने देखा होगा कि कई लोग और पुलिस वाले भगदड़ में चोटिल हुए लोगों को सीपीआर देते दिखे । कोई चेस्ट पर कंप्रेशन दे रहा है तो कोई मुंह से सांस दे रहा है ऐसे वीडियो आपने जरूर देखे होंगे।ऐसे वक्त पर यह सीपीआर यानी की बेसिक लाइफ सपोर्ट की तकनीक कितनी जरूरी हो जाती है, यह आपने देखा होगा। और आम जनता को यह तकनीक आना बहुत जरूरी है जिससे हम किसी इंसान की आपात स्थिति में जान बचा सकते हैं। बच्चे देश का भविष्य है और बच्चों को यह तकनीक जरूर आनी चाहिए ऐसा डॉक्टर मंजू राठी का कहना है।
NCCHWO की अध्यक्षा डॉ मंजू राठी ने सीपीआर तकनीक का डेमोंसट्रेशन डमी पर करके दिखाया और बच्चों को सीपीआर तकनीक का उपयोग कैसे और किन हालातों में करना चाहिए इसकी जानकारी दी। सीपीआर देने के लिए डॉक्टर की जरूरत नहीं है आप इसे खुद दे सकते है। हां, इसके लिए आपको सही तकनीक पता होना जरूरी है । आए दिन होने वाले अनेक एक्सीडेंट , बिजली का करंट, दम घुटने से, पानी में डूबने की वजह से , हार्ट अटैक, जहरीला पदार्थ का सेवन करने की वजह से कई लोग अपनी जान गवा बैठते हैं । अगर सही समय पर सीपीआर दिया जाए तो कई लोगों की जान बच सकती है।
एमएस पब्लिक स्कूल किशनगढ़ में सीपीआर ट्रेंनिंग कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें सभी बच्चों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया और हैंड्स ओन ट्रेंनिंग भी दी गई और
अध्यापक और बच्चों ने बढ़ चढ़कर सवाल पूछे और डॉक्टर मंजू राठी ने उन सवालों का निराकरण किया और बच्चों को डमी पर ट्रेनिंग दिलवाई।
इस अवसर पर एमएस पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल संगीता मैडम, NCCHWO की बबीता संचेती और ललिता जी शारदा मौजूद रहे।
सीपीआर ट्रेंनिंग की इस कार्यशाला का आयोजन स्कूलों में आगे भी होता रहेगा ऐसा आश्वासन डॉ मंजू राठी ने दिया।