दिनांक 5-07-2025 को एक केस राष्ट्रीय भ्रष्टाचार नियंत्रण एवं जनकल्याण संगठन के पदाधिकारी स्टेट सेक्रेटरी श्री दिनेश शर्मा जी के पास आया। उन्होंने तुरंत देवेन्द्र जोसफ स्टेट डायरेक्टर से संपर्क कर पुरी जानकारी दी। केस यह था एक मरीज जो बाहर का निवासी है उन्हें तबीयत ज्यादा खराब होने की वजह से रायपुर के नारायणा हास्पिटल में उनके परिजनों ने भर्ती कराया था। उस मरीज के स्थिति को देखते हुए अस्पताल वालों ने वेंटिलेटर में रखा व उनका उपचार जारी रखा मगर अस्पताल वालों ने मरीज के परिजनों से मोटी राशि वसूलना शुरू किया। मरीज के परिजनों ने जैसे तैसे कर अस्पतालों को चार से पांच लाख रुपए दिए मगर अस्पताल वालों मरीज के परिजनों से ज्यादा बिल बनाकर उवैध रुप से और पैसों की मांग जारी रखा। मरीज परिजनों की स्थिति ऐसी नहीं थी उन्हें और पैसे दे सके उन्होंने अस्पताल वालों से कहा मरीज छुट्टी दे दे ताकि सरकारी अस्पताल में इलाज करा सके। मगर अस्पताल वालों ने मरीज को उनके परिजनों को देने से इंकार कर दिया। और उनसे बोले कि मरीज को छोड़ने के एवज में नव लाख दो तभी जाने देंगे। परेशान मरीज के परिजनों ने हमारे संगठन से संपर्क कर मदद मांगी। दिनेश शर्मा और मैं तुरंत सबेरे उनके परिजनों को लेकर एसडीएम कलेक्टर से बैठकर सारी स्थिति से अवगत कराया गया। तुरंत कार्यवाही के लिए कहा गया। एसडीएम ने तुरंत फोन लगाकर जिला CHO स्वास्थ्य अधिकारी को फोन लगाकर पुरी जानकारी दी तुरंत स्वास्थ्य अधिकारी ने नारायण हास्पिटल के प्रबंध से बात कर मरीज को डिस्चार्ज करने के कहा। उसके बाद भी अस्पताल वालों ने मरीज को छोड़ने को तैयार नहीं थे पैसे की मांग कर रहे थे। दिनभर हम लोग इस केस में उलझे रहे। फिर नजदीकी पोलिस स्टेशन को फोन कर सारी स्थिति से अवगत कराया गया। पुलिस वाले अस्पताल गए। मगर अस्पताल वालों को मालूम हो गया था कि पुलिस रिपोर्ट हो चुकी तो उन्होंने पुलिस के आने से पहले मरीज को डिस्चार्ज कर दिए हम लोगों ने मरीज को डीकेएस सरकारी अस्पताल में मरीज को भर्ती करा कराया गया। जिला स्वास्थ्य अधिकारी एवं एसडीएम कलेक्टर को संगठन के पदाधिकारियों द्वारा उनके सहयोग के धन्यवाद व आभार व्यक्त किया गया। अभी मरीज की हालत बेहतर है।